पारद शिवलिंग क्या है - AN OVERVIEW

पारद शिवलिंग क्या है - An Overview

पारद शिवलिंग क्या है - An Overview

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पारे, चाँदी और जड़ी बूटी को मिलाकर के जो शिवलिंग बनता है, वह पारद शिवलिंग कहा जाता है। शास्त्रों के अनुसार, भगवान शिव को पारा बहुत प्रिय है और उनके इस शिवलिंग की पूजा करने का विशेष महत्व है।।

It is taken into account that it brings about prosperity, optimistic energy, and likewise deemed that goddess Lakshmi resides at that place for generations to era. Also a person is relieved of physical, spiritual, psychological Problems. Siddh Parad Shivling can be received only throughout the blessings of renowned yogi, guru, very good fortune, because of which someone is ready to execute noble deeds and thus attains Moksha.

अगर घर के मंदिर में शिवलिंग की स्थापना कर रहे हैं तो ज्यादा बड़ा शिवलिंग स्थपित ना करें।

कोल्डड्रिंक में नशीला पदार्थ पिलाकर युवती से रेप

उसके बाद आपको शिव जी की आरती करनी चाहिए और प्रसाद आदि लेना चाहिए।

साथ ही माँ लक्ष्मी और कुबेर देव को प्रसन्न करने के लिए ‘ॐ ह्रीं श्रीं क्रीं श्रीं कुबेराय अष्ट-लक्ष्मी मम गृहे धनं पुरय पुरय नमः’ मंत्र का पाठ करें।

प्रेरक कथा: बूढ़े ने एक लड़के से कहा कि मेरी गठरियों को उठाने में मदद करो, इन्हें दूसरे गांव तक पहुंचा दो, इनमे सोने-चांदी के सिक्के हैं, मैं बदले में तुम्हें दो सिक्के दूंगा

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ओढ्याला पूर आल्याने बैलगाडीसह गाय-वासरू गेले वाहून

१०० अश्वमेघ यज्ञ , चार धाम यात्रा , एक लाख गायीचे दान , केल्याने जे फळ मिळते ते एकट्या पारद शिवलिंगाच्या पूजनाने मिळेल.

वैदिक शास्त्रों के अनुसार ऐसा माना जाता है कि स्फटिक शिवलिंग की आराधना करने से व्यक्ति को ज्योतिर्लिंग की पूजा के समान ही फल प्राप्त होता है। इसकी पूजा से भक्तों को कई लाभ मिलते हैं। स्फटिक शिवलिंग की आराधना से जीवन में सुख-शांति तथा समृद्धि आती है और शिवजी का आशीर्वाद भी प्राप्त होता है। इसके अतिरिक्त शिवलिंग की पूजा से घर में प्रेम और सौहार्द का वातावरण रहता है। ये शिवलिंग समस्त प्रकार के कष्टों को हरता है। साथ ही यदि कोई व्यक्ति शिव की अनु-कंपा प्राप्त करना चाहता है तो उसे स्फटिक से बने इस शिवलिंग की पूजा अवश्य करनी चाहिए। यह शिवभक्तों की मनोकामनाओं को शीघ्र पूरा करता है।

दोनों ही शिवलिंग अपने आप में महत्वपूर्ण और पूजनीय हैं। पारद शिवलिंग को भगवान शिव का साक्षात् स्वरूप माना जाता है, जबकि स्फटिक शिवलिंग को स्वयंभू रूप माना जाता है। पारद शिवलिंग नकारात्मक ऊर्जा को दूर करने और ग्रह दोषों को कम करने में here सहायक माना जाता है, वहीं स्फटिक शिवलिंग मन को शांत करने और आध्यात्मिक विकास को बढ़ावा देने में सहायक होता है। आप अपनी आवश्यकताओं और पूजा पद्धति के अनुसार इनमें से किसी एक शिवलिंग को चुन सकते हैं।

गंगाखेड हा भारताच्या महाराष्ट्र राज्याच्या परभणी जिल्ह्यातील एक तालुका आहे….

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